मेरे देश के युवाओं के मन में एक प्रश्न का बना हुआ था:–
*कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा?*
अब इसका उत्तर मिल गया है और सिनेमा चला भी अच्छा है जो चलना ही चाहिए🙏
अब इस देश के लिए ये जानना जरूरी है कि~
*नेताजी सुभाष चन्द्र बोस* को क्यूँ और किसने मारा ?..
*श्री लाल बहादुर शास्त्री* को किसने और क्यों मारा ?..
*महात्मा गांधी* की हत्या के वह कारण क्या थे ?..
इन दुर्भाग्यशाली घटनाओं से देश की पटरी ही बदल गयी।
युवाओं! ज़रा विचारो कि कहाँ कहाँ गलतियां हुई हैं .. काल्पनिक चरित्र कटप्पा से बाहर निकलो और
वो पूछो जो तुमसे जुड़ा हुआ है ?
पता करो कि हम लगभग 1000 साल तक गुलाम क्यों रहे ?..
पता करो कि जो देश आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक, और वैज्ञानिक रूप से सशक्त था .. *विश्व गुरु था* .. वो सब ज्ञान कहाँ और कैसे खत्म हो गया ?………
पता करो कि सोने की चिड़िया के पंख कैसे कतर दिए गए ?..
पता करो कि हमारे बच्चों को आजादी के बाद भी क्या और क्यूँ पढ़ाया जाता है ?..
पता करो! पाकिस्तान का स्थायी रोग किसने भारत को दिया? तब हुआ क्या-क्या था?
पता करो ..! कि कश्मीर को नासूर बनाने का बीज नेहरू ने क्यों और कैसे बोया ..?
*पता करों! नेपाल के महाराजा के भारत में विलय के प्रस्ताव को 1952 में नेहरू ने क्यों ठुकरा दिया था?*
पता करो ..! कि 1953 में UNO में भारत को स्थायी सीट देने के ख़ुद अमेरिका के प्रस्ताव को नेहरू ने क्यों गुमा दिया था? और वह सदस्यता चीन को क्यों दिला दी?
पता करो कि 1954 में नेहरू ने तिब्बत को चीन का हिस्सा भारत की ओर से मान लिया था? बाद में 1962 में उसी रास्ते से चीन ने भारत पर हमला किया, *हम हारे, बेइज़्ज़त हुए।*
पता करो ..! तिब्बत हारने के बाद नेहरू ने क्यों कहा था कि वो तो बंजर जमीन है, कोई बात नहीं .. जाने दो।
ज़रा मालूम करो कि चीन से भारत की *हार का दोषी नेहरू* को मन्त्रालय की *संयुक्त समिति ने सिद्ध किया था?* उसके बाद भी नेहरू को जरा भी लज्जा नहीं आई थी।
यह भी जानो कि जब चीनी सेना अरुणाचल, असम, सिक्किम में घुस आयी थी, तब भी *हिन्दी चीनी भाई भाई* का राग अलापते हुए भारतीय सेना को ऐक्शन लेने से नेहरू ने क्यों रोका था???
आप ख़ुद बाहुबली बनकर कारण जानो कि हमारा कैलास पर्वत और मानसरोवर तीर्थ चीन के हिस्से में नेहरू की ग़लती से चले गए?
और भी बहुत सारी गलतियां हैं जिनमें *कांग्रेस को जरा भी शर्म* क्यों नहीं आती है?
*हे युवा देश ..!* अपनी दिशा और दशा बदलो .. यह समय मज़ाकों का नहीं है, वह करो जो *करणीय है।*
*चिन्तन का विषय है-*
देश के लोग ये तो जानते है कि चीन ने हमें 1962 में हराया पर ये नहीं जानते कि 1967 में हमने भी चीन को हराया था।
चीन ने *सिक्किम* पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी, *नाथू ला* और *चो ला फ्रंट* पर ये युद्ध लड़ा गया था।
चीन को ऐसा करारा जवाब मिला था कि चीनी भाग खड़े हुये थे। इस युद्ध में, 88 भारतीय सैनिक बलिदान हुये थे और 400 चीनी सैनिक मारे गए थे।
इस युद्ध के बाद ही सिक्किम, *भारत का हिस्सा* बना था।
इस युद्ध में *पूर्वी कमान* को वही सैम मानेक शॉ संभाल रहे थे जिन्होंने बांग्लादेश बनवाया था।
इस युद्ध के हीरो थे राजपुताना रेजिमेंट के मेजर जोशी, कर्नल राय सिंह, मेजर हर-भजन सिंह।
गोरखा रेजिमेंट के कृष्ण बहादुर, देवीप्रसाद ने कमाल कर दिया था .. जब गोलियां ख़तम हो गयी थी तो इन गोरखों ने कई चीनियों को अपनी *खुखरी* से ही काट डाला था। कई गोलियाँ शरीर में लिए हुए *मेजर जोशी* ने चार चीनी ऑफिसर को मारा था।
वैसे तो कई और हीरो भी है पर ये कुछ वो नाम है जिन्हें वीर चक्र मिला और इनकी वीरगाथा इतिहास बनी।
….By Anam at FB