दिल्ली से लैंसडाउन की बाइक यात्रा

मार्च का महीना था, मैं और मेरा कजन कहीं घूमने जाने का प्लान बना रहे थे तो हमने सोचा कि क्यों ना हम अपने मामा के यहां चले जो कि खतौली मुजफ्फरनगर में रहते हैं. फिर हमने सोचा कि वहीं से लैंसडाउन चला जाए जोकि एक अच्छा हिल स्टेशन है . 5 मार्च 2016 शनिवार के दिन, सुबह के 11:00 बजे मैं और मेरा कजन पल्सर 150 बाइक पर मोहन एस्टेट दिल्ली, जो कि मेरा ऑफिस है वहां से निकले. हर तरफ जाम होने की वजह से 2 घंटे, हमें एनएच-58 गाजियाबाद पहुंचने में लग गए. वहां पर रुक कर हमने लंच किया और पानी की बोतल लेकर सफ़र जारी रखा.

एनएच-58 गाज़ियाबाद से लेकर खतौली तक का रास्ता बहुत ही अच्छी कंडीशन में था और हम 80-90 की स्पीड पर चल रहे थे. हमारा अगला स्टॉपेज खतौली मुजफ्फरनगर हुआ जहां पर हमने रुक कर चाय पिया और थोड़ी देर आराम किया. वहां पर 10 मिनट रुकने के बाद हमने लैंसडाउन की तरफ निकले

खतौली से हम लोगों ने बिजनौर नजीबाबाद होते हुए कोटद्वार का रूट लिया. खतौली से कोटद्वार तक का रास्ता कही-कही थोडा सा ख़राब था बाकि बहुत ही अच्छा बना हुआ था, जिससे मुझको बाइक चलाने में बहुत मजा आ रहा था.

दिल्ली से कोटद्वार तक का रास्ता समतल है, और कोटद्वार से फिर पहाड़ी रास्ता शुरू हो जाता है. कोटद्वार में रुक कर हम लोगों ने चाय पीया और लैंसडाउन के लिये निकल पड़े.  कोटद्वार से लैंसडाउन करीब 40 किलोमीटर है जो कि सिंगल लेन पहाड़ी रास्ता है.

लैंसडाउन पौड़ी गढ़वाल डिस्ट्रिक्ट का एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है जो कि समुद्र तल से करीब 1700 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है. यह बहुत ही शांत हिल स्टेशन है जहां वीकेंड में ही सिर्फ भीड़ होती है. दिल्ली से लैंसडाउन की दूरी करीब 260 किलोमीटर है. हम लोग शाम के 5:30 बजे करीब लैंसडाउन पहुंचे और उसके बाद लैंसडाउन में घुमने वाली जगहों जैसे सन सेट पॉइंट, टिफिन टॉप, भुल्ला ताल, वार मेमोरियल आदि जगहों की सैर किए.

लैंसडाउन गढ़वाल राइफल का मुख्यालय भी है साथ ही एक आर्मी कॉन्टिनेंटल एरिया भी है, इसलिए वहां पर आने जाने वाले लोगों के ऊपर आर्मी वाले अक्सर निगाह रखते है. लैंसडाउन की इन जगहों पर घूमने के बाद हम वापस मेन चौक पर आये, और होटल की तलाश शुरू की. जब हमने लोगो से  होटल के बारे में पूछा, तो हर कोई यही कहता कि वीकेंड की वजह से सारे होटल फुल है या उनके रेट 3000-4000 रूपये है क्योंकि लैंसडाउन वैसे भी एक छोटा हिल स्टेशन है इसलिए वहां पर होटल भी लिमिटेड ही है. फिर हमने एक चाय कि दुकान पर रुक कर चाय पीया और उससे होटल के लिए पूछा तो उसने हमें एक जगह होटल के बारे में बताया.

“हे भगवान होटल दिला दो” यही मन में सोचते हुए हम होटल पर पहुंचे, और कमरे के बारे में पूछा तो पता चला कि वहा पर  कई सारे कमरे खाली है जो मर्जी हो वह ले लो. हमने 2-3 कमरे देखें और उसमे से एक कमरा 750 रुपए में ले लिया.

DSC01395मेरा कजन खाने का इंतजार करते हुए

कमरे में सामान रखने के बाद हम लोग नहा कर फ्रेश हुए और डिनर के लिए फिर मेन चौक पर आएं. वहां पर आकर हमने खाना खाया और फिर होटल के कमरे में आकर सो गए. अगले दिन सुबह 6 बजे हम लोग जागे और 6:30 बजे तक तैयार होकर बाहर निकले.

बाहर आकर हमने Tip n Top का रुख किया जोकि लैंसडाउन मेन चौक से 2 किलोमीटर की दुरी पर था. Tip n Top से हिमालय की पहाडियों का अच्छा व्यू मिलता है साथ ही सूर्योदय और सूर्यास्त का भी अच्छा व्यू दिखता है. हम लोग सुबह 7 बजे Tip n Top पर पहुंच गए हैं. वहां पर चाय नाश्ते के लिए छोटी-छोटी दुकानें हैं लेकिन इतनी सुबह कोई दुकान खुली हुई नहीं थी. Tip n Top पर से सूर्योदय का नजारा देखने का एक अपना अलग ही मजा आ रहा था. हम लोग करीब आधा घंटा वहां पर घुमे और कुछ फोटो लिए, उसके बाद तारकेश्वर धाम के लिए निकल पड़े.

DSC01398सूर्योदय at Tip n Top

DSC01402सूर्योदय at Tip n Top

तारकेश्वर धाम लैंसडाउन से करीब 38 किलोमीटर दूर है, जब हम लोग लैंसडाउन से 4-5 किलोमीटर आगे आ गए तब ध्यान आया कि अरे गाड़ी में तो हमने पेट्रोल डलवाया ही नहीं. अब हम सोच में पड़ गए कि क्या करें, गाड़ी में कुछ पेट्रोल था जिसमें हो सकता है कि हम तारकेश्वर धाम जाकर फिर कोटद्वार तक आ जाए, या बीच रास्ते में पेट्रोल खत्म हो जाए.

कोटद्वार के बाद लैंसडाउन में कहीं कोई पेट्रोल पंप ना होने के कारण या तारकेश्वर धाम वाले रास्ते में भी कोई पेट्रोल पंप ना होने के कारण, हमारी चिंता थोड़ी और बढ़ गई. खैर हमने एक लोकल व्यक्ति से पूछा, तो उसने बताया कि आप लैंसडाउन मेन चौक पर चले जाओ वहां आपको ब्लैक में पेट्रोल मिल जाएगा. फिर हमने गाड़ी लैंसडाउन की तरफ वापस मोड़ दिया और हम मैंनचौक पर पहुचे.

वहा पर पेट्रोल पेप्सी वाली 2 लिटर कि बोतल में बिक रहा था जिसकी कीमत 160 रूपये बोतल थी. हमे पता था कि ये पेट्रोल मिलावटी है, लेकिन कोई पेट्रोल पंप ना होने के कारण हमने 2 बोतल पेट्रोल ख़रीदा. गाड़ी में पेट्रोल डालने के बाद फिर हम लोग ताड़केश्वर धाम के लिए निकले. लैंसडाउन से तारकेश्वर धाम जाने के लिए पहले कोटद्वार वाले रास्ते पर चार पांच किलोमीटर नीचे आते हैं, और फिर वहां से बाएं तरफ को रास्ता कट जाता है जो सीधे तारकेश्वर धाम की तरफ जाता है.

लैंसडाउन से तारकेश्वर धाम जाने का रास्ता बहुत ही खूबसूरत और रोमांचकारी है. ऐसा लगता था कि हर मोड़ पर एक नया नजारा हम लोगों के इंतजार में खड़ा था. लैंसडाउन से तारकेश्वर धाम पहुंचने में हमें 2 घंटे का समय लगा जिसमें बीच में लगा रुक कर हमने कुछ चाय नाश्ता भी किया था.

DSC01514तारकेश्वर धाम कि तरफ जाते हुए

तारकेश्वर धाम भगवान शंकर जी का एक मंदिर है जो चारो तरफ से देवदार के जंगलों के बीच में स्थित है. उसके आसपास कोई भी दुकान नहीं है अतः अगर आप वहां पर जा रहे हैं तो खाने-पीने की चीजें अपने साथ रखे.

वहां पहुंचने के बाद हमने गाड़ी को एक जगह खड़ा किया और पैदल ही मंदिर की तरफ चल दिये. पार्किंग से लेकर मंदिर तक जाने के लिए बहुत ही सुन्दर सीढियों का रास्ता बना हुआ है साथ ही जगह जगह पर छोटे छोटे लकड़ी के पुल भी बने हुए है. सारे रास्तो पर बंदरो कि भरमार है, जिससे रास्ते पर चलने का आनद और भी अच्छा लग रहा था.

DSC01456मंदिर कि तरफ जाने का रास्ता

मंदिर का माहौल बहुत ही शांति पूर्ण था. हम लोग करीब 1 घंटे तक मंदिर और उसके आस-पास कि जगहों/जंगलो को घुमे और फिर दिल्ली के लिए निकल पड़े.

DSC01454तारकेश्वर धाम

कोटद्वार में रुक कर हमने लंच किया और फिर सीधे खतौली, मामा जी के यहां आकर रुके. हमारे मामा जी खतौली चीनी मिल में ही काम करते हैं और उनको रहने के लिए घर भी चीनी मिल के अन्दर ही मिला हुआ है,  इसलिए हमने सोचा कि मामा जी से मुलाकात करके फिर दिल्ली की ओर बढ़ते हैं क्योंकि आते समय उनसे मुलाकात नहीं हो पाई थी.

वहां पहुंचने पर हमे मामा का लड़का मिला, उसने हम लोगों के खाने पीने को दिया और जब तक हम खाते तब तक वह मामा जी को मिल में से बुलाकर लाया. थोड़ी देर मामा जी के यहां रुकने के बाद हम लोग वहा से दिल्ली के लिए निकले और बिना रुके चलते हुए गाजियाबाद पहुंचें, जहा अब तक का सबसे भीषण जाम से हमारा सामना हुआ है. खैर बाइक पर होने के कारण, जाम को काटते हुए किसी तरह से हम बाहर आए और रात के 11 बजे अपने अपने अपने घर पहुचे.

इस प्रकार इस यात्रा की समाप्ति हुई जिसमें दोनों लोगों का सारा मिलाकर करीब 3000 रूपये का खर्चा आया.

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Tip n Top

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Tip n Top

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Tip n Top

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लैंसडाउन से थोडा पहले

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तारकेश्वर धाम

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तारकेश्वर धाम

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तारकेश्वर धाम

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तारकेश्वर धाम

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तारकेश्वर धाम

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तारकेश्वर धाम से कोटद्वार

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तारकेश्वर धाम से कोटद्वार

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तारकेश्वर धाम से कोटद्वार

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तारकेश्वर धाम से कोटद्वार

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तारकेश्वर धाम से कोटद्वार

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तारकेश्वर धाम से कोटद्वार

2 thoughts on “दिल्ली से लैंसडाउन की बाइक यात्रा

  1. बहुत अच्छा लिखा पर कुछ ज्यादा ही जल्दी लिख दिया। पाठक को मजा आ रहा था। कोई नही आगे थोडा विस्तार से लिखे बाकी फोटो मस्त है।

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